किस किस को मनाओगे हर दिन, हर रोज़ कोई एक रूठ जाता है। किन किन को कहोगे, याद रखना मुझे, हर रोज़ कोई एक भूल जाता है। कैसे हर किसी का प्यार समेटोगे, हर रोज़ कोई एक छूट जाता है। कब तक हर दिन, एक नई दुआ माँगोगे, हर रोज़ एक ख्वाब टूट जाता है। ©Deepu #uljhane_zindgi_ki