अंजान सी डगर, एक लंबा सफर, जाने कितने मोड़ हैं, हर मोड़ पर एक नया हमसफर. हमसफर ज़िन्दगी का, मगर चलता संग कुछ दूर तक, दे जाता यादें जीने को, मरते दम तक जो करती आँखों में बसर. आँखे जो भूल ना पाती, कभी मुस्कुराती, कभी आँसू बहाती, हर रोज़ एक नयी सुबह संग उठ जाती, रात का मगर विरान ही रहता मंज़र. मंज़र हर दिल का हिज्र के पलों से गुज़रा है, टूटा हुआ हर शख़्स है, मगर ज़िंदा है, कुछ लोग मिले थे राहों में, उन राहों में अब बस चुनिंदा परिंदों का बसेरा है. कुछ लोग मिले थे राहों में कुछ ख़्वाब बुने थे राहों में #राहोंमें #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #poetry #हमसफर #vineetvicky #februaryemotions