हंसता हुआ चेहरा भी अक्सर रूठ जाता हैं, जब इंसान अंदर ही अंदर से टूट जाता हैं। दफन हैं एक चेहरे में लाखों किरदार यहां, हर दफा कोई अपना ही तुम्हें लूट जाता हैं। ज़िन्दगी की किताब की इतनी सी कहानी हैं, पलक झपकते ही कोई पन्ना छूट जाता हैं। ज़रूरी नहीं कि उसे सर पर ही सजा रखा हो, ठोकर लगे तो हाथ पकड़ा घड़ा भी फूट जाता हैं। मुमकिन नही हैं ज़िन्दगी भर का साथ यहां, समय आने पर गर्म चाय से धुआं भी उठ जाता हैं। नही पहचान पाते स्वाद उसका रंग देख कर, चीनी हो या नमक, पानी में अच्छे से घुट जाता हैं। ऐन मुमकिन हैं कि तुम हर दफा बच कर चलते रहो, जरा सा ध्यान हटते ही वो तुम्हें कूट जाता हैं। हंसता हुआ चेहरा भी अक्सर रूठ जाता हैं, जब इंसान अंदर ही अंदर से टूट जाता हैं। #मोनिका वर्मा #SushantSinghRajput #अनकहे_अल्फ़ाज़ 💔💔💔