एक शब मैं औऱ तुम इस तरह मिले ! के वो शब हमें फिर कभी ना मिले !! मैं दीदार तिरा कुछ इस तरह से करूँ ! के तुझ जैसा हसीं मुझें फिर ना मिले !! तेरी जुल्फों को इस तरह सुलझाऊँ मैं ! के हवाओं को उसकी ख़बर ना मिले !! बसा लूँ तुझें फ़िर अपनी नज़रों में यूँ ! फ़िर कभी तुझें किसी की नज़र ना लगे !! औऱ सिमट जाओ मेरी बाहों में तुम ऐसे ! के बहार-ए-चमन को तिरी ख़ुशबू ना मिले !! ©Unstoppable Thoughts #nojotowriters #nojotoLove #Nojoto #nojotourdu #love_feelings_emotions