#OpenPoetry ताल्लुक जज्बातो का था अल्फाज़ बोल बैठे, बात इंसानियत की थी इन्सान भूल बैठे, जमीं मेरी भी है जमीं तेरी भी है अपनी जमीं को भारत माँ और उनकी पकिस्तान बोल बैठे, झण्डा हमारी भी शान है तुम्हारी भी जान है, दंगे फसाद के चक्कर मे झण्डे का इमांन भूल बैठे, इन्सनो की लडाई मे इन्सान भूल बैठे, साफ कहती हूँ ना हिन्दूस्तान गलत है ना पकिस्तान गलत है, इन दोनो की लडाई मे हम भूल बैठे । by shiwangi #OpenPoetry