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कब तलाक तेरी बेवफाई का दर्द दिल को सौपे रखु आखिर द

कब तलाक तेरी बेवफाई का
दर्द दिल को सौपे रखु
आखिर दिल को धड़कन भी
तो है


कब तक तेरी बेरुखी का गम 
मनाऊं
आखिर ख़ुशी को भी हक़ है मेरे
पास आने का

©NIKHAT (दर्द  मेरे अपने है )
  #इन्तिज़ार  J P Lodhi. Arshad Siddiqui heartlessrj1297 Mahi Neel  Ek Alfaaz Shayri Riti sonkar Adhuri Hayat Aditya kumar prasad shamawritesBebaak_शमीम अख्तर