उड़ती फिरती बहती हू........ आसमान की तरफ...... बिना किसी डोर के उड़ती हू... किसी पक्षी की तरह.. रास्ते दो है चुनती हू हमेशा तीसरा जिसमें मैं स्वयं को पाती हू आख़िरी समय की तरफ.. #feelings #quiet #times #lines