फूल खिलकर भी उदास है समुन्दर को आज पानी की प्यास है लहरों की नहीं खत्म होती तलाश है मधु के रस से खो गयी मिठास है. रोज उगते सूरज ने आज नहीं खोली है अपनी बाँहें और न ही कोयल की कूक भर रही किसी के मन में आहें. बारिश की पहली बूँद आज धरा पर गिरकर खुश नहीं है मिट्टी से उठने वाली वो सौंधी महक भी नहीं है. कलियाँ भी नहीं खिली फूलों पर चहकने वाली चिड़ियाँ आज खामोश है छायी है ऐसी नीरवता मानों सब बेहोश है. चारों और यही है वातावरण सब ही हताश है एक बार मुस्कुरा दो आप क्योंकि खुदा को दुनिया की सबसे प्यारी हँसी की तलाश है. #yqbaba #yqdidi #वोपहलीबारिश #हँसी_की_तालाश #daily_challenge