मैंने अपनी किसी भी कविता के अन्त में ‘पूर्ण विराम’ नहीं लगाया., और इस तरह मैंने ‘कुछ संभावनाएं’ छोड़ी है तुम्हारे लिए.. ©Balram Bathra #पूर्णविराम