#HappyChildrensDay कितने अच्छे थे जब हम बच्चे थे अकल के कच्चे मन के सच्चे थे दूर दूर का नाता था सब घर मन को भाता था दोस्तों में कभी बनता नही बिन उसके रहता भी नही शोर शराबे खूब होते थे जब हम छोटे थे शरारते मत पूछो रोज शिकायते घर आते थे सम्हाल लो अपने बच्चे सब कह जाते थे हमे फर्क नही पड़ता इनसे क्योंकि रोज रोज का यही तमाशा था मानो जैसे अपना यही तो नशा था school जाना मानों सजा सा था school न जाने का 100 बहाने आता भी था सच बताऊँ वो पल ख़ुशियों का खजाना ही था। #चिल्ड्रन दे ,##nojoto; सबको अपनी बचपन याद आ जायेगा।