White यह पर्व है विजय का धर्म की जय का तू मन के अंधकार का नाश कर सके तो कर तिमिर निशा में तू उजास भर सके तो भर यह जो चहूं और है अधर्म का जो शोर है अभय की गर्जना से तू खत्म कर सके तो कर कृष्ण और राम की एकरूपता को धर पापीयो का इस धरा से नाश कर सके तो कर ©manav raj(मानव) #Dussehra