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घर के स्टोर रूम में रखे सामान की तरह मुझे भूल जा

घर के स्टोर रूम में 
रखे सामान की तरह 
मुझे भूल जाते हो तुम 

पर मैं इस दिल को कैसे समझाऊँ
जिसे हर दिन हर पल 
बहुत याद आते हो तुम 

कभी बैठो साथ में 
तो बताएँ तुम्हें 
किस तरह सपनों में भी आ के 
मुझे सताते हो तुम

©K.Shikha #feeelings  poetry in hindi
घर के स्टोर रूम में 
रखे सामान की तरह 
मुझे भूल जाते हो तुम 

पर मैं इस दिल को कैसे समझाऊँ
जिसे हर दिन हर पल 
बहुत याद आते हो तुम 

कभी बैठो साथ में 
तो बताएँ तुम्हें 
किस तरह सपनों में भी आ के 
मुझे सताते हो तुम

©K.Shikha #feeelings  poetry in hindi
kshikha5292

K.Shikha

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