घर के स्टोर रूम में रखे सामान की तरह मुझे भूल जाते हो तुम पर मैं इस दिल को कैसे समझाऊँ जिसे हर दिन हर पल बहुत याद आते हो तुम कभी बैठो साथ में तो बताएँ तुम्हें किस तरह सपनों में भी आ के मुझे सताते हो तुम ©K.Shikha #feeelings poetry in hindi