*नई कविता* - *लॉकडाउन* *छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन* राज्य अपना जल रहा, लॉकडाउन की आग में... मेला लगा है देखो , भव्य कुंभ के प्रयाग में... चुनाव रेलिया हो रही है , लाखों की तादात में... 🏃🏽♀️दौड़ा रही है मुझको पुलिस, आकर मेरे ही गांव में... हो गई है पीर पर्वत, गरीबी कि इस नाव में... मरु भी तो कैसे मरूं, मेरा बेटा है किसी और गांव में... तड़पने दो मुझे इस, लॉक डाउन की आग में.... *पुरुषोत्तम सिंह राजपूत* (भिलाई छत्तीसगढ़) ©Purushottam Rajput छत्तीसगढ़ #RAMADAAN