रंग बदलते देर कहाँ लगती है मेरे हाथों में लाल की बजाय अब सफेद गुलाब था केवल और केवल मौन... स्तब्धता... और कोई रंग नहीं प्रेम का.... फरेब का... एकदम साफ.... बेदाग...!! ©Kajalife.... सफेद गुलाब