नन्ही-नन्ही कोमल अंगुलियां का मेरा हाथ थामना, उसका अपने नन्हे कदमो के साथ मुझे दौड़ाना, और उसका टूटी-फूटी जुबान से मुझे बुलाना, अस्सी बरस की उमर में , ऊर्जा और ताकत के लिए, मेरे च्यवनप्राश खाने से कहीं अधिक बेहतर था।। #च्यवनप्राश