ये मेरा युद्ध है! मेरे ही विरुद्ध है! लड़ना भी खुद ही को है, लड़ना भी खुद ही से है। न हाथ में हथियार हैं! न मुझ पे गैरों का वार है। न जिस्म पर कोई जख्म है! पर रूह जार-जार है। ये मेरा युद्ध है! मेरे ही विरुद्ध है! सब प्रथा मै तोड़ दूं! या खुद को यूं ही तन्हा छोड़ दूं। ये रीत है, कुरीतियों की। इन से निकलने में ही जीत है। खुद से खुद का युद्ध है! खुद के ही विरुद्ध है!!!! ...............🏵🏵🌼🌼 ©Indrapal Maurya Kunal #Books positive life quotes shayari on life