मेरे ज़ख्मों पे कुछ इस तरह नमक लगाती है वो, इश्क़ की बाते करके मुझे दोस्त बुलाती है वो कहती है हक़दार नही मेरी वो किसी भी तरह से , फिर गुस्सा करके मुझ ही पर हक जताती है वो । girl as a friend