हे शब्दा.. तुम हर शब्द के प्राण में शून्य से अनंत में ब्रह्मांड की खोज में नश्वरता में, जीवन में निश्छलता के प्रत्येक पद में प्राण की क्षुधा में अतृप्तता की तृप्ति में सहिष्णुता की पराकाष्ठा में व्यर्थता के भेद में प्रत्येक क्षण की क्षणभंगुरता में स्वर में, श्वांस में शब्दों के परित्याग में भावों में, स्तब्धता में रश्मियों में, सौरभ में सृष्टि के कण कण में समाहित हो ...🙏🙏 ©Swati kashyap #हे शब्दा#nojoto#nojotopoetry#nojotowriter#nojotonews#mywords