(एक व्रत कथा) आज सोमवार है.... पुष्पा आज जल्दी उठ गई है...उसे व्रत जो रखना है...तो चार बजे उठ कर दैनिक कार्यों से निवृत होकर नहा धोकर मंदिर में पूजा करेगी... किसी भी तरह उसे छः बजे तक पूजा खत्म करके मंदिर से बाहर आना है क्योंकि छः बजे बच्चों को उठाकर स्कूल के लिए तैयार करना है उनके लिए नाश्ता बनाना है और सात बजे तक बच्चों के पिता जी को चाय भी देनी है... तिवारी जी को बिस्तर पे चाय पीने की आदत है वरना उनका पेट साफ नही होता....तिवारी जी समय के बड़े पाबंद हैं...शादी के बाद आज तक कभी ऑफिस देर से नही पहुँचे..