#OpenPoetry ये भीड़ है चलो इसे पीछे छोडें कुछ अच्छा करें कुछ अच्छा जोड़ें कब तक रहेंगे इस ज़माने में, आ कुछ अच्छा करें मैं हिंदू,मैं मुस्लिम, मैं सिख, मैं ईसाई इससे परे चल ,आ मजहब अपना महोब्बत जोड़ें। #uniteindia