खवाबों का काफिला दर-बदर हो गया रातो में मुशिकल हर सफर हो गया प्यार, इश्क, मुहब्बत, इबादत, जो भी मेरे पास है तेरी जुस्तजू मे, तेरे सब नजर हो गया . Kafila