एक ज़िन्दगी तुझे आवाज दे तो दूँ..मगर आएगी नही । दिल में आ भी गयी तो क्या..घर आयेगी नही । मेरी माँ आज भी गाँव को स्वर्ग मानती है... मर जाना ही बेहतर है..पर शहर जायेगी नही... राज 'रामकुमार' बरवड़ गाँव बचाओ...गाँव बसाओ