क्या तुम्हें याद है? एक दिन मैंने तुमसे वादा किया था, कभी ना छोडूंगा साथ ऐसा इरादा किया था | एक दूसरे की दुनिया थे हम, फिर भी रिस्ता बेनाम था | ऊँगली काट कर तेरी मांग भर दिया, मैंने इस रिस्ते को नाम दिया था | मेरे खून मेरे रिस्ते को झट से मिटाकर चले गए, देखा एक गोरा चेहरा और मेरा इश्क भुला के चले गए | चल तु अच्छी थी या गन्दी थी पर मेरी एक ही बन्दी थी, माफ कर दिया बस ये देखकर तेरी माँग आज भी नंगी थी || Stylo... #उसकी माँग आज भी नंगी थी !