छोटी सी उस बात पर नाराज हो कर हम दुर चले गए आखरी मिलना था वो हमारा हम कभी समझ नही पाए | जाते वक्त खुद-दारी मानी थी आज तोबे मे हम खाक हो गए रिश्तों मे क्या एहमियत होता है ? हम कभी समझ नही पाए | लोगो का कहा-सुना माना हमने दिल कि बात सुनना हम भुल गए भरोसा वो रिश्तें पर का कहा गया? हम कभी समझ नही पाए | ना मै बढ पाया जिदंगी मे आगे ना वो बढ पाए फिर भी एक दुसरे से क्यो जुदा रह गए हम कभी समझ नही पाए | पेहले एक-दुसरे को समझने का दावा किया करते थे अब पेहचान ने से भी इन्कार करते रह गए एक वक्त के बाद येसा क्यो हुआ जिदंगी मे? हम कभी समझ नही पाए | बिछडना रिश्ते का इम्तिहान था हम दोनो भी इसमे अब नाकाम हो गए एक दुसरे के बिना आखिर क्यो जि नही सकते ? हम कभी समझ नही पाए | © Kumar Sandhyanand हम कभी समझ नही पाए | kumar Sandhyanand #hindiurdushayri #poem #shayariquotes #writer #sandhyanand #love #quotes #poetry #emotions #sad