मेरे क़रीब रहो अब आदत सी हो गई है तेरे खुशबू वाला इत्र कहीं मिलता नहीं रहो हमेशा मेरे क़रीब पर सिर्फ जिस्म से नहीं आत्मा से भी सब अपना ख्वाहिश तुझ पर वार दूँ रहो तुम इतने क़रीब हर एहसास लुटना है तुझ पे जज़्बात जगा है दिल में हद ज्यादा क़रीब आना है तेरे लबों को लबों आज छूना है इतने क़रीब आना है तेरा हर एहसास रूह में भरे ऐसे इतने क़रीब हों जैसे इतना क़रीब रहो मुझसे तुम्हारी सांसों से मेरी मेरी धड़कन चला करें। ♥️ Challenge-666 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।