उस ने हम को गुमान में रक्खा और फिर कम ही ध्यान में रक्खा तुम तो उस याद की #अमान में हो उस को किस की #अमान में रक्खा अपना रिश्ता ज़मीं से ही रक्खो कुछ नहीं आसमान में रक्खा