Nojoto: Largest Storytelling Platform

यूं तो उलछा के मेरे यारों ने जिन्दा रखा है, वरना

यूं तो उलछा के मेरे यारों ने जिन्दा रखा है,

वरना ज़ीने के वास्ते भी यहां, क्या रखा है ?


वो एक बात जो अजमत में उसके दाग़ बने,

एक अरसे से उसे खुद में ही दफ़ना रखा है।


दिल में आता है फ़क़त एक बार देखूं उसे,

फिर ये लगता है, देखने को भी अब, क्या रखा है?


ये आज कल के नमूनों को भी बताये कोई,

यहां उल्फत ने सब का हल, क्या बना रखा है?


मेरे सीने में भी दिल था, और वो धड़कता था,

मगर अब याद ही नहीं कि दिल, कहां रखा है?


असलियत जानता तो था मैं इस मुहब्बत कि,

पर ये सोचा कि कर के देखे इस में, क्या रखा है?


मेरे माॅं-बाप के हालात कि परवाह है मुझको,

तो अपने आप को एक मसख़रा बना रखा है।


अजी सुनते नहीं है लोग यहां अपनों की,

आप ने गैरों पे ये इल्ज़ाम, क्या लगा रखा है?


अरे मिलता तो कुछ भी हैं नहीं मुहब्बत से,

तो लोगों ने इसे यूं सर पे, क्यों चढ़ा रखा है?

©"संगीतेय"
  #क्या_रखा_है?