ताकि अमन बना रहे रोकते रहे उनको कहाँ मानते हैं इंसानियत के दुश्मन उन्होने जमीन को जंग का अखाड़ा बना दिया। सुकून छीन कर हैवानियत बढ़ी उन्होने जमीने गुलशन को लाशों का बाड़ा बना दिया। शायरः-शैलेन्द्र सिंह यादव #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी अखाड़ा बना दिया।