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रिश्तें निभाने आएं हों , रिश्तें ही निभा लो । उन्

रिश्तें निभाने आएं हों , 
रिश्तें ही निभा लो ।
उन्हें उलझातें क्यों हों ?
इनके उलझनें से ,
क्या तुम सुलझते हों ।

रिश्तें तो नहीं ,
रिश्तों की परछाइयां मिलें ।
ये कैसी भीड़ - सी ,
भीड़ में तन्हाइयां मिलें ।

©Anuradha Sharma #rishte #mean #problems  #familylove #poetry #peace #hindi #yqquotes      #Nojoto
रिश्तें निभाने आएं हों , 
रिश्तें ही निभा लो ।
उन्हें उलझातें क्यों हों ?
इनके उलझनें से ,
क्या तुम सुलझते हों ।

रिश्तें तो नहीं ,
रिश्तों की परछाइयां मिलें ।
ये कैसी भीड़ - सी ,
भीड़ में तन्हाइयां मिलें ।

©Anuradha Sharma #rishte #mean #problems  #familylove #poetry #peace #hindi #yqquotes      #Nojoto