जब जब तुझसे बातें होती रहती है, और जब जब तुझसे ब

जब जब
तुझसे बातें होती रहती है,


और जब जब
तुझसे बातें नहीं हो पाती है,

(Read in Caption) जब जब
तुझसे बातें होती रहती है,
तब तब मानो जैसे
पृथ्वी अपनी घूर्णन गति से
तेज चलने लगती है,
जैसे घड़ी की
सुईयां स्वतंत्र हो जाती हैं
अपने ही
जब जब
तुझसे बातें होती रहती है,


और जब जब
तुझसे बातें नहीं हो पाती है,

(Read in Caption) जब जब
तुझसे बातें होती रहती है,
तब तब मानो जैसे
पृथ्वी अपनी घूर्णन गति से
तेज चलने लगती है,
जैसे घड़ी की
सुईयां स्वतंत्र हो जाती हैं
अपने ही