में सुना तो दू हर एक बात जो देती हैं दर्द मुझे ओर सब समझ भी लेगे पर अब समझने बाला नहीं दर्द को थोड़ा कम करने बाला चाहिए थक तो गई में बहुत पहले ही चल ते चल ते बस अब कोई गले से लगा कर समाल ने बाला चाहिए हर एक को अपना दर्द बताया नहीं करती ओर अपनों से कुछ छुपाया नहीं करती वैसे तो दर्द है अनेक पर हस ने का एक मौका गबाया नहीं करती