" समझती हूँ " समझती हूँ सब मैं, समझते सब तुम भी हो। तुमसे बचने की कोशिश करती हूँ मैं, और बचकर चलते मुझसे तुम भी हो। हर घड़ी, तुमको पढ़ती हूँ मैं, पढ़ना चाहते मुझको तुम भी हो। माना कि बहुत बुरी हूँ मैं, लेकिन थोड़े बुरे तो तुम भी हो। आजकल खुद से बहोत लड़ती हूँ मैं, खुद से लड़ते थोड़े तुम भी हो। खामोश हूँ यहा मैं भी, खामोश वहाँ पर तुम भी हो। समझती हूँ सब मैं, समझते सब तुम भी हो। -उमंग गंगानिया #समझतीहूँ