कयो तू है नही? और तेरी यादे आज भी है, वो समंदर सा प्यार तेरा इस दिल मे आज भी है एक खत मिला था मुझे तुझे फिर कभी ना मिलने का वो तेरा वादा मेरे जहन मे आज भी है, अब अंधेरो से भी डर नहीं लगता, बडे ख्वाब भी देखता हू मै कयोंकि शायद तेरी अधूरी मोहबत का सहारा मुझे आज भी है, तू कहा है? तू कैसी है? मेरे लिये तो मेरे दिल के खामोशी जैसी है ना कभी बात करती है ना कभी मिलने को आती है तू ना हमारी अधूरी प्यार के जैसी है ,टूटे ख्वाब के जैसी है, पता नहीं कौनसे किनारे है जो तुझे आज भी रोके हुए है पता नही कौनसी खवाहिसे है जो टोके हुए हैं, जिंदगी के सफर मे तो हम भी हैं पर पता नही कौनसी मजबूरीया है जो तुझ पर अपना हक जताये हुए हैं, खैर तेरा ही वक्त था और तेरा ही वादा तेरा यू सोच समझ के किया हुआ इरादा मै कया जानू मै तो पागल सा सिरफिरा हू मैने तो बस तूझसे प्यार किया था ना अंजी