21. सुहाना इंतजार तेरा. घटाओं की सरगमें फीकी हो गई होगी, नदियों की चंचलता खो गई होगी, हदों की सीमा टूट गई होगी, इन्द्रधनुष का सप्तरंगी उड़ गयी होगी. सुहाना इंतजार तेरा, हमदर्द तू ही मेरा. मौला की चौखट पर मस्तक झुका होगा, आम की डाली पर ख्वाबों को लटकाया होगा, धरा पर प्रेम बीजों को पुन: पुष्पित किया होगा, अब खुद को ही तुझमें देखा होगा, सुहाना इंतजार तेरा, हमदर्द तू ही मेरा... ©Ankit verma utkarsh❤ collection:- ठंडी धूप 21st poetry #promiseday