तुम विचलित,व्याथित,विखंडित मत होना हो शैया पर फिर भी खंडित मत होना।। अंगारों पे चलना हो या कांटो पे दौड़ना मंजिल हो करीब तो विचलित मत होना।। हो तैयारी,रड़़ में तभी कूदना बीच युद्ध में तुम मुर्छित मत होना।। उड़ेगी हसीं,बनेगा मखौल भी तुम्हारा इन मूर्खों के चक्कर में विघटित मत होना।। आनंदित रहना सम-विषम परिस्थितियों में तरक्की देख किसी की तुम कुंठित मत होना।। #Manish Kumar Savita #खंडित