एक भीड़ है दुनियां की और उसके कई हिस्से है, मेरा तेरा, इसका उसका यहीं सभी के किस्से है... कही किसी की बातों में हीर रांझा आबाद है, तो कहीं किसी के लफ्ज़ो में मेरा प्रिय राधा कृष्णा संवाद है,!! किसी ने प्रेम को, किसी ने प्रेम को ही सब कुछ बताया, तो किसी ने कहा ये है मोह माया,, किसी की बातों में विरह थी सती सी और तेज था शिव सा, प्रेम था अलौकिक, तो किसी के जीवन का ज्ञान था भौतिक.. सुनो एक कहानी आयी एक दीवानी... कोई नहीं था समझा उसकी कहानी उसने प्रेम को पूजा, दिल मे बसा के मूरत उसने प्रेम को सहेजा,, डगर डगर भटक कर, कभी नंगे पाव चलकर सीने से लगाकर इक पत्थर की सी मूरत उसने दिल में बसा ली, मोहन की इक सूरत.. उसे प्रेम था उसी से सत्य से भरी थी, प्रेम के लिये लड़ी थी.. यकीन था अपने मोहन पे तो विष पी के भी जिंदा खड़ी थी, वो प्रेम था पवित्र, उसने प्रेम को पूजा था,. मोहन के सिवा उसका प्रियवर ना कोई और दूजा था,, ©Asmita Singh #asmita