हम करते किसी का अपमान नहीं, हम करते सब का सम्मान हैं हम से,हमारी संस्कृति से ही देश का अभिमान है। गंगा की पानी से वज़ू ,तो कोई करता यहाँ गो दान है, इसीलिये हम सब की अपनी अलग एक पहचान है। अतिथि देवो भवः कहते हैं हम, और अतिथि हमारे भगवान है। कहीं नही है ऐसा दूजा.... हाथ जोड़ कर प्रणाम करने वाला एक ही हिन्दुस्तान हैं। #nojoto #poem हम करते किसी का अपमान नहीं, हम करते सब का सम्मान हैं हम से,हमारी #संस्कृति से ही देश का अभिमान है। #गंगा की पानी से #वज़ू ,तो कोई करता यहाँ #गो_दान है, इसीलिये हम सब की अपनी अलग एक #पहचान है। #अतिथि देवो भवः कहते हैं हम,