में यहां निकम्मा बैठा हूं, कुछ काम ही मिल जाए तो अच्छा है, काम नहीं है गर तो कोई बात नहीं कुछ मुकाम ही मिल जाए तो अच्छा है, मुकाम भी नहीं है मेरे लिए गर तो मैखाना-ए-मुफलीसो में जाम ही मिल जाए तो अच्छा है, कुछ भी मयस्सर नहीं है गर तो पनाह-ए-कब्र में ऐश-ओ-आराम ही मिल जाए तो अच्छा है, 'राही' गर काबिल-ए-जन्नत भी नहीं है तो पनाह-ए-जहन्नुम में सारा इंतजाम ही मिल जाए तो अच्छा है। #पनाह_ए_कब्र #पनाह_ए_जहन्नुम #मैखाना_ए_मुफलीसो #काबिल_ए_जन्नत #निकम्मा #मुकाम #मयस्सर #ऐशोआराम