हम छुपकर जिसे देखा करते रोज। आज वो खुद मेरी ओर आ रही है।। ये पल बड़ा धीरे गुजर रहा है जैसे। सुबह की रोशनी आसमान पर छा रही है।। नजरे झुकाए होठो को छुपाए। जाने क्यों वो इतना शर्म आ रही है।। कुछ तो जरूर होना है आज यारों।