हरियाणा के यमुनानगर में सम्राट मिहिर भोज गुरुकुल विद्यापीठ के सन्यासी समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का यह कथन रंग के किस करने योग्य है मनुष्य में शिक्षा के साथ-साथ संस्कार जरूरी है संस्कार की कमी के कारण ही समाज में विकृतियां आती हैं और भ्रष्टाचार पुष्पित पल्लवित होता है विचारणीय यह है कि प्राचीन भारत की शिक्षा व्यवस्था जिनका केंद्र गुरुकुल थे वह विद्यार्थी मात्र शिक्षित नहीं होता था बल्कि संस्कारित भी होता था आज भी पूरे देश में सर्वाधिक गुरुकुल विद्यालय हरियाणा में है हरियाणवी युवाओं में गुरुकुल द्वारा दिए जाने वाले संस्कार दृष्टिगोचर भी होते हैं यद्यपि गुरुकुल में अब समस्त विषयों की शिक्षा प्रदान की जाने लगी है लेकिन वहां रोजगार परक शिक्षा का अधिकतम शिक्षा की व्यवस्था भी होनी चाहिए आधुनिक शिक्षा के साथ गुरुकुल से संस्कृत होकर निकालना है बोलने वाले चरित्रवान विद्यार्थी अपने योगदान से राष्ट्रीय की उन्नत बनाएंगे विचारणीय पश्चिमी दार्शनिक मानते हैं कि मानव जन्म स्वार्थी है इसलिए ऐसी होनी चाहिए कि अपने स्वार्थ के लिए भ्रष्टाचार करने का अवसर ही ना मिले मार्क्सवादी का मूल यही है कि लेकिन कोई भी स्वस्थ है जो मनुष्य बनाता है उसमें कोई दूसरा अपना मस्तिक से सईद लगे ही देता है इसके विपरीत भारतीय दर्शन उसका मानना है कि मानव के स्वभाव में लाभ भी है तो त्याग दी है स्वस्थ की भावना तो परोपकार की भावना भी है संस्कारों के माध्यम से उनका त्याग और परोपकार की विधि विकसित की जा सकती है उसकी भावनाओं का परिष्कृत किया जा सकता है इसी तरह से समझा जा सकता है कि रोटी खाना प्राकृतिक है बांटकर खाना संस्कृति है छीनकर खाना विकृति है वर्तमान युग में छीन कर खाने यानी भ्रष्टाचार स्वयं को समृद्ध करने की विकृति व्याप्त होती जा रही है ©Ek villain # संस्कार भी आवश्यक है #humantouch