शौहरत पाने को बहुत गलतियाँ की ज़िंदगी में भूल बैठा इंसानियत और सत्य की राह को, रहा ना डर रब का करता रहा मनमानी, झूठ और फ़रेब कि राह पर चला कुदरत ने यूँ कहर ढहायाँ, ठोकर लगी, मन यूँ पछताया मन जलता रहा पश्चाताप की अग्नि में, जलकर खुद को स्वर्ण बनाया अपनाई सत्य और प्रेम की राह, करता रहा दिन-रात परिश्रम झूठ और फ़रेब से अपने को कोसों दूर किया, मंजिल ने खुद-ब-खुद रास्ता दिया परिश्रम और सत्य के पथ पर चलकर शौहरत की बुलंदियों को छुआ Challenge-164 #collabwithकोराकाग़ज़ कोलाब कीजिए और बताइए गलत रास्ते अपनाकर सही मंज़िल कैसे मिल जाएगी। चाहे दोनों विषयों पर एक लेखक लिखे या एक विषय पर लिखकर दूसरे लेखक को आमंत्रित करे। (Font=Eczar=13) #गलतरास्तेसहीमंज़िल #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️