नई हवाओं की सोहबत बिगाड़ देती है, कबूतरों को खुली छत बिगाड़ देती है, जो जुर्म करते हैं इतने बुरे नहीं होते, सज़ा न देके अदालत बिगाड़ देती है - राहत इंदौरी नई हवाओं की सोहबत बिगाड़ देती है, कबूतरों को खुली छत बिगाड़ देती है, जो जुर्म करते हैं इतने बुरे नहीं होते, सज़ा न देके अदालत बिगाड़ देती है - राहत इंदौरी