जताना आता नहीं मोहब्बत मुझे चाय अच्छी बने के बाद तारीफ नहीं कर पाऊंगा मेरी खामोशी को मोहब्बत समझ लेना अगर मेरी आखें तुम्हारी आखों को देखती रहे इसी को मेरी मोहब्बत समझ लेना तुम अगर काली साडी पहन कर आओ मैं तुम्हें देखता रहु बस इसी को मेरी मोहब्बत समझ लेना ©Roma Malakar (writer #QuotaContact #luv