तन मन धन अर्पण कर करता वो देश की सेवा है. कि अपनी जाँ तक जो देश को निछावर कर देता है. क्या उन फौजियों का दर्द तुम समझते हो ?? डटे रहता है जो दिन रात सीमा पर. घर बार छोड़ जो करता देश की सेवा है. क्या उन आर्मियों का दर्द तुम समझते हो ?? जो भारत माँ की सुरक्षा को अपनी माँ के आँचल से दूर हो जाता है. जो नई नवेली दुल्हन की मेहँदी उतरने तक भी नहीं रुक पाता है. क्या उन सेनाओं का दर्द तुम समझते हो ?? कि सो पाए अमन चैन से बच्चे हमारे वो. अपने बच्चों को अकेला छोड़ जाता है. बूढ़े बाबा की सेवा चाह कर भी नहीं कर पाता है ?? अपनी इच्छाओं को छोड़ वो देश की सेवा करता है. क्या उन वीर जवानों का दर्द तुम समझते हो. करते हो राजनीती भाई भाई को तुम लड़ाते हो?? फिर अपनी सान बढ़ाने को सीमा पर जवान मरवाते हो. दे देते हो उनकी बेवा को चन्द पैसे तुम बदले में. क्या उन माँ ,उन परिवार, शहीदों का दर्द तुम समझते हो ?? वो रात अंधेरों में भी डट कर जान की बाजी लगाते हैं. तब जा कर सुकून से हम दिवाली यहाँ मनाते हैं. वो खून की बलिदानी दे कर देश की आन बचाते हैं. और यहाँ हम रंगों की नीतू होली खूब मनाते हैं. वो होली दिवाली में घर से दूर रहते है क्या उन सिपाहियों का दर्द तुम समझते हो ?? लगा कर डी पी स्टेटस डाल खुद को देशभक्त बताते हो । कर के तोड़ फोड़ मचा दंगा फिर देश में करप्सन फैलाते हो । कहीं हिन्दू कहीं मुस्लिम कहीं सिख ईसाई का नारा लगवाते हो । धर्म की आड़ में देश का बटवारा करवाते हो । जात पात का बंधन छोड़ भाईचारे से वो रहते हैं । और खुद को देशभक्त तुम कहते हो ..... माँ की सान की खातिर वो मिल कर देश की सेवा करते हैं ।। क्या उन जवानो का दर्द तुम समझते हो...... #Nojoto #AN #Kavishala #Republicday #Challenge #National #Humanity