#शर्मनाक 💥 #दिल्ली *ताहिर जग जाहिर हुवा, आस्तीन का सांप* । *जहर उगल कर हँसरहा, था येअपने आप* ।। दिल्ली मा का भवा ,सबै जन जानि गये हौ ।। पिल्ला हरामी के हैं जो ,पहिचान गये हौ ।। ना हिन्दू सिक्ख कौनो मुसलमान मारा गा ।। ना जाति कौनो मरी हिंदुस्तान मारा गा ।। सगरे सियार होशियार ,हुक्की हुवा करैं ।। छुरी बगल मा मुंहि ते ,अजान ई पड़ें ।। बाहर से आये रहैं पर इनका बोलायेस को ।। हम पूँछित पेट्रोल बम पत्थर चलायेस को ।। सरकारीबस पेट्रोलपम्प आवा जलावय को।। चच्चा व चच्ची बच्चा मरे कतने बतावय को ।। मिश्रा कपिल जी जौनु गे जाम खोलावय ।। बदनाम किहिन उनका आयेरहैं भड़कावय।। अब बहुत भवा बंद करौ चाल दोगली ।। अब कौनो हरामजादे की दाल न गली ।। दिल ते कही न दिल्ली मा अब खून बहाओ।। आस्तीन के सांपो को न अब दूध पिलाओ ।। अरे,,,हम कैसे हिन्दू और कैसे मुसलमान हैं।। कमलेश कहें आओ कहो हिंदुस्तान हैं ।। जय हो हिंदुस्तान की🇮🇳, जय हो हिंदुस्तान की🇮🇳 🙏🏼 ✍️@kavikamleshsoni... #dilhi #दिल्ली #poem #kavita