बुन रहा एक विचार था कब्र थी या मजार था मेरी जीत थी या हार था इनकार था या इकरार था इस्टिहार था या इंतिजार था कहीं ऐसा तो नहीं गलत फहमी थी की उनको भी मुझसे बेइंतेहा प्यार था #गलत_फहमी