सपनों से भरे ये नैना मेरे दिल में नित नए अरमान जगाते हैं रात्रि को नींद में आते हैं भोर की पहली किरण से ही बिखर जाते हैं न सोने देते हैं ये चैन से मुझे न कभी पूरे हो पाते हैं कविता विशेष प्रतियोगिता:- Note:- विशेष प्रतियोगिता महिने की 1,15,30,31 तारीख को आयोजित की जाती है। 👉collab करके comment में done लिखे। 👉 समय सीमा- 24 घन्टे तक 👉शब्द सीमा-अनिश्चित 👉 10 top रचना को testimonial दिया जायेगा। 👉 #collabwithपंचपोथी #पंचपोथी #सपनो_से_भरे_नैना 👉 Panchpothi. Blogspot.com को एक बार visit अवश्य करे, link bio में दी गयी है।