"है प्रभू" तुम मिलना मुझे कभी फिर पूछ तुम से हर छन का हिसाब लूंगी, तुझे मेरे अश्रु अच्छे लगते थे तो मुस्कान दी ही क्यूं उसका भी अपना जवाब लूंगी। माना मेरे कर्म इतने भी अच्छे नहीं की हर बार तू मुझ पे मेहरबान होगा। पर कर्मों का हिसाब जब तू ही रखे तो बोल ना कब मुझ पे खुला आसमान होगा। इन सब से दूर तब जा के लगता हैं, तुमसे मिलना मेरा फिक्स होगा। सब जब तू ही करे तो फिर कोई इंसान अच्छे बुरे में क्यूं फसे, जब बोया तुम ने ही, मान बना के बनया क्यूं रे अपमान, फिर तू ही आ के कहेगा तू इंसान नहीं हैं हैवान। तुम मिलना मुझे कभी फिर तुम से अपना एक और हिसाब लूंगी, बुरा नहीं हैं मन मेरा फिर दुनियां के रंगों में बन गई क्यूं मैं बुरी। कहते हैं सब तेरा पता नहीं तू कब कहां होता हैं, मैं कहती हूं तू तो सब के अंदर बैठ सही गलत लुक्का छुप्पी खेला करता है। फिर मन विचलीत है तू समझ मेरी सारी बातों को प्रभु, जब तू ही यहां का मालिक हैं, फिर किराए पे फिर क्यूं रेहता हैं। .......always🌸smile ©🇮🇳always_smile11_15 है प्रभू तुम मिलना मुझे कभी फिर पूछ तुम से हर छन का हिसाब लूंगी, तुझे मेरे अश्रु अच्छे लगते थे तो मुस्कान दी ही क्यूं उसका भी अपना जवाब लूंगी। माना मेरे कर्म इतने भी अच्छे नहीं की हर बार तू मुझ पे मेहरबान होगा। पर कर्मों का हिसाब जब तू ही