लोग मज़ाक उड़ाएं या व्यंग्य बोलें हज़ार, इन सबसे भला क्यों होना शर्मिंदा। खुश होना है तो तारीफ़ सुनो, अगर बेहतर होना है तो निंदा।। ©Abhinav Chaturvedi #kavita #kavi