हर भाषा का अपना महत्व अपना इतिहास है, वैसे ही हिंदी का भी अपना अलग मकाम है। पर जब से हिंदी को राष्ट्रभाषा का तमगा लगा है, तभी से उसका बस दिखावे भर का ही काम है। हिंदी पढ़ना, सुनना, समझना ध्यान का काम है, जो इस बात को समझ ले उसे मेरा सलाम है। ©Vibrant_writer भाषाओं में स्पर्धा करना मूर्खों का काम है, हर एक भाषा का अपना अलग ही नाम है। हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं प्यार का पैगाम है, जो नहीं समझते इसको वो अंग्रेजी के गुलाम है। प्रिय लेखकों को #विश्व_हिंदी_दिवस की हार्दिक बधाई। हर भाषा का अपना महत्व अपना इतिहास है, वैसे ही हिंदी का भी अपना अलग मुकाम है। पर जब से हिंदी को राष्ट्रभाषा का तमगा लगा है, तभी से उसका बस दिखावे भर का ही काम है।